जैसे पहली लहर आई थी और चली गई थी, यह भी आकर जाएगी By सुशोभितव्यंग्यApril 8, 2021April 8, 2021गए साल अक्टूबर में कोरोना का ग्राफ़ गिरने के बाद जब मित्रों ने समारोहपूर्वक मास्क का परित्याग कर दिया, तो मैं दो मास्क लगाने लगा। … Read more About जैसे पहली लहर आई थी और चली गई थी, यह भी आकर जाएगी
‘भगवा वस्त्र’ आदित्यनाथ का फ़रेब है और ‘योगी’ होना स्वांग! By कुमार श्यामव्यंग्यApril 6, 2021April 6, 2021कितना ही स्वांग रच लें। मगर किसी असावधान क्षण में वो स्वांग टूट जाता है और स्वाभाविक रूप जग को दिख ही जाता है। अब … Read more About ‘भगवा वस्त्र’ आदित्यनाथ का फ़रेब है और ‘योगी’ होना स्वांग!